कृष्ण लीला लेखन प्रतियोगिता हेतु
शीर्षक- कृष्ण लीला
विधा -कविता
कृष्ण लीला
देखो नंद यशोदा आंगन
प्रकट भए नंदलाला
मथुरा जेल में जन्म लिया
पर रातो रात गोकुल आला।
देव की मां ने जन्म दिया
पर यशोमती माता ने पाला
वैसे तो वसुदेव जनक हैं
कहलाते नंदलाला।
मंगल गान सब मिलकर गाएं
ग्वाल बाल और बाला
धर्म हेतु अवतार धरे हैं
धरती को पालने वाला।
दैत्य बकासुर को धर मारा
काली नाग नाथ कर डाला
धर्म धरा की रक्षा हेतु
कंसराज मार डाला।
जमुना तट पर धेनु चराए
वृंदावन में रास रचाए
तज कर राधा गोपी का प्रेम
द्वारिका जाकर धाम बसाए
मित्र सुदामा महल रचाई
भक्तन हित करने वाला।
बनकर अर्जुन के रथ वाही
कौरव सेना नाश कराई
धर्म अधर्म का खेल दिखा कर
द्रौपदी की भी लाज बचाई
दे भक्तों को गीता का ज्ञान
महाभारत रच डाला।
देखो नंद यशोदा आंगन
प्रगट भए नंदलाला।।
स्वरचित रेनू बाला धार
रांची झारखंड
दिनांक 22 अगस्त 202