बहुभाषी लोक गायिका और प्रख्यात टीवी कलाकार विजया भारती को जानें करीब से..उनकी ही जुबानी..
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मैं लोकगायिका के रुप में सुपरिचित एक कांटी बिहारन शख्सियत हूँ…दिल्ली में रहती हूँ। वैसे मैं लोकगीतों के अतिरिक्त विधाएँ भी गाती हूं जैसे- गीत, ग़ज़ल,भजन,दादरा आदि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मेरी पहचान लोकगायिका की ही है। लोकगीतों में मैं बिहार की सभी भाषाओं सहित करीब सत्रह,अट्ठारह भाषाओं में लोकगीत गा लेती हूँ।मैं एक कवयित्री भी हूँ, हिन्दी, भोजपुरी, मैथिली,मगही और अंगिका में मैं लिखती वह धुनें भी गढ़ती हूँ। अभी तक मेरा हिन्दी में दो काव्य-संग्रह ‘रंग पिया का सोहना’ और ‘चातकी’ प्रकाशित हो चुके हैं तथा सितंबर 2022 में एक हिन्दी देशभक्ति गीत-संग्रह ‘वतन पे कुर्बान’ तथा मैथिली गीत-संग्रह ‘सोन मछरिया’ भी प्रकाशित हो रहा है। देश की बड़ी ऑडियो विडियो कंपनियों (टी सीरीज ,टिप्स,वीनस,रामा)से मेरे लोकगीतों के करीब सौ एल्बम रिलीज हुए।इन एल्बमों में पारंपरिक गीतों के अतिरिक्त सभी गीत मेरे लिखे हुए हैं। लगभग सारे एल्बम अपने वक्त में काफी सफल रहे। मैंने फूहड़ और अश्लील गीत कभी नहीं गाए और आरंभ से अच्छे पारिवारिक गीतों की पक्षधर रही हूं। मैं भारत सहित करीब बाइस देशों में अभी तक अपने लोकगायन का सफल मंचीय प्रदर्शन कर चुकी हूँ।मुझे अबतक के जीवन में लोगों का अथाह प्यार मिलता रहा है। सोशल मीडिया पर भी सौभाग्य से मैं असीमित प्यार आशीर्वाद पाकर अपने चाहनेवालों के प्रति आभारी रहती हूँ। मैं आकाशवाणी वह दूरदर्शन की ‘ए’ ग्रेड कलाकार हूँ। मेरा निजी जीवन अथाह संघर्षों से भरा रहा है पर परमात्मा की असीम कृपा ने मुझमें हिम्मत और कर्मठता की विलक्षण सौगात दी है। मैं न थकती हूं,न हारती हूँ न दुनिया में किसी से डरती हूँ। मैं एक भावुक,सहृदयता और सभी रिश्तों के प्रति ईमानदारी रखती हूँ। झूठ,छल कपट से मेरा कोई नाता नहीं न ऐसे लोगों से मैं कोई वास्ता रखती हूँ। मेरे परिवार में मेरे पति ओंकारेश्वर पांडेय,एक बेटी गरिमा और एक बेटा भव्यराज हैं। बेटी गरिमा शादीशुदा हैं अतः मेरे परिवार में दो सदस्य और जुड़ गए हैं -एक मेरे दामाद कुमुद और मेरा पाँच वर्षीय नाती कविन।
मैंने कुछ फिल्मों में भी महान संगीतकार #स्वoरविन्द्रजैन के निर्देशन में कुछ गीत गाए हैं। प्राइवेट लोकगीतों एल्बमों में मैंने सबसे ज्यादा गीत ग्रेट बाँसुरी वादक और संगीतकार श्री #अजयप्रसन्ना जी के संगीत संयोजन में गाया है।और भी कई संगीत निर्देशकों के साथ भी काम किया है। मैंने एक भोजपुरी फिल्म ‘टूटे न सनेहिया के डोर’ में गायन के साथ साथ अभिनय भी किया। मुझे अभिनय के लिए जीवन में प्रस्ताव मिलते रहे हैं वह अभी भी मिलते रहते हैं पर मेरी रुचि अभिनय में नहीं है। मैंने अनेकों टीवी शो को होस्ट किया है। मुझे सबसे ज्यादा आत्मीय सुख अपार जनसमूह में मंच पर गाकर और तालियों से प्यार आशीर्वाद पाकर मिलता है।
2016 में हमारे माननीय प्रधानमंत्री जी ने मुझे पत्र लिखकर मेरे कार्यों की सराहना की व बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ तथा महिला कुपोषण पर काम करने के लिए आमंत्रित किया जो मेरे लिए बड़ी बात है।
मेरा जन्मदिन 28 जनवरी है। मेरा जन्मस्थान मुंबई (ननिहाल) है।
मेरी शिक्षा – संस्कृत आनर्स ,एम ए(हिंदी),एम ए(शास्त्रीय संगीत) व पी एच डी के समकक्ष विद्यावाचस्पति है।
मेरी दिनचर्या- मैं सुबह चार बजे जाग जाती हूँ। योगा, व्यायाम तथा एक घंटे पार्क में टहलने के बाद मैं अच्छा मीठा संगीत सुनते हुए लेखन का काम करती हूँ। नौ बजे नाश्ते के बाद परिवार के लिए नाश्ता,खाना बनाती हूँ। मैं शाकाहारी खाना पसंद करती हूँ। परिवार को पूरा समय देते हुए मैं अपने ऊपर भी पूरा ध्यान देती हूँ। शाम को मैं दो से तीन घंटे संगीत का अभ्यास करती हूँ फिर डिनर बनाती हूँ।
मुझे एकान्त में लता जी,गुलाम अली,मेंहदी हसन,अहमद हुसैन, मुहम्मद हुसैन, जगजीत सिंह वह दो चार औरों के भी कुछ खास गीत सुनना पसंद है। निर्मला देवी,लक्ष्मी शंकर,शोभा गुर्टू जी के उपशास्त्रीय संगीत मेरे दिल में बसते हैं।
आज अपने बारे में यह संक्षिप्त परिचय मैंने उनलोगों के लिए लिखा जो लोग मुझसे बहुत प्यार करते हैं पर मेरी पहचान से अनभिज्ञ हैं। इस पोस्ट का उद्देश्य अपनी तारीफ़ करना बिल्कुल नहीं बस अपने से आपसबों को परिचित कराना है।