साहित्योदय
अंतरराष्ट्रीय साहित्य कला संगम(पंजीकृत न्यास )
परिकल्पना – ८ अगस्त २०१८ , प्रस्तावना – ८ सितम्बर २०१८, गठन-१६ सितम्बर २०१८, अंगीकृत -८.नवम्बर
परिचय
- साहित्य कला और संस्कृति का अनूठा संगम साहित्योदय
- अपनी प्रतिभा-कला को दर्शाने का भरपूर अवसर देता अनूठा मंच
- साहित्य और कला जगत का एक बेमिसाल अंतर्राष्ट्रीय मंच
- मशहूर हस्तियों के साथ-साथ गुमनाम और नए कलाकारों को अपनी बेहतरीन प्रस्तुति का अवसर
◆ ३ साल से भारतीय साहित्य-कला और संस्कृति के विविध रूपों को बढ़ावा देने और समृद्ध करने का एक प्रयास
साहित्योदय साहित्य, कला और संस्कृति का अनूठा वृहद संसार हैं. एक ऐसा विराट मंच है जहाँ दुनियाभर के लब्धप्रतिष्ठ साहित्यकार, कलाकार, पत्रकार सहित तमाम वर्ग के लोग अपनी रचनाधर्मिता और नवाचारों से जग को रोशन कर रहे हैं। साहित्योदय सृजन और मंचन का खुला आसमान है जहाँ नवोदित नवांकुर पूरी स्वतंत्रता के साथ ऊंची उड़ान भरते हैं। पूरे विश्व में अपनी जड़ें जमा चुका साहित्योदय सबको साथ लेकर चलने में विश्वास करता है। यहाँ कवि सम्मेलन का मंचीय और ऑनलाइन आयोजन की लंबी श्रृंखला है जहाँ सबको समान रूप से मंच प्रदान किया जाता है।
साहित्योदय की परिकल्पना कई वर्षों से मेरे दिल के अंदर कुलबुला रही थी। जब भी साहित्य की बात करता तो अनायास ही दिल से साहित्योदय शब्द निकलता था। साहित्य का मद्धम-मद्धम उदय तो बचपन से ही हो रहा था और मेरे स्कूल की कॉपी कविता और पेंटिंग से भरी होती थी जिसके लिए डांट भी मिलती थी। सक्रिय पत्रकारिता और ब्रेकिंग न्यूज़ की भागदौड़ में साहित्य सृजन थम सा गया था लेकिन 2016-17 के दौरान अपने उसूलों समझौता नहीं करने के कारण कार्यालय की राजनीति का शिकार बना और मेरे कुछ कार्य कम हो गये। ऐसी परिस्थितियों में मैंने अक्सर लोगों को डिप्रेशन में जाते देखा है लेकिन मैंने उसे एक मौके के रूप में लिया और बचपन के ख़्वाब को पूर्ण करने का संकल्प लिया। उस खाली वक्त में बचपन से अबतक लिखी सारी रचनाओं को संग्रहित किया और एकसाथ दो काव्य संग्रह प्रकाशित हो गयी। तीन माह बाद फिर एक और पुस्तक आ गयी। अब मेरे अंदर का साहित्य कुलाँचे भरने लगा। साहित्य सृजन और पुस्तकों के प्रकाशन का सिलसिला चलता रहा. इसी क्रम में अनुज सुरेंद्र उपाध्याय मंटू से एक साहित्यिक दौरे के क्रम में साहित्योदय की परिकल्पना पर चर्चा की उसने हर तरह से सहयोग करने का बल दिया। बस फिर क्या था घर लौटकर उसकी पूरी पटकथा और नियमावली तैयार कर ली और फेसबुक पर 16 सितंबर 2018 को साहित्योदय समूह की शुरुआत कर दी। जुलाई-अगस्त 2019 के आसपास मंटू और मैं एक साहित्यिक सफ़र में निकला था तभी झारखण्ड में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के एक भव्य साहित्य महोत्सव आयोजित करने का विचार रखा, तैयारियों में ही लगा था कि 17 नवम्बर 2019 को मेरे भैया का अकल्पनीय असमय निधन हो गया। सारा क्रियाकर्म मेरे हाथों हुआ ,पूरा परिवार टूट चुका था, मैं खुद काफी व्यथित था , हर रोज के सपने से परेशान था तब मैंने खुद को बाबा बैद्यनाथ के हवाले कर बाबा बैद्यनाथ साहित्य महोत्सव की नींव डाल दी और इस पटल को सक्रिय किया। सौ से अधिक रचनाकारों की करीब 500 कविताओं के अनूठे सँग्रह काव्य सागर और गद्य सँग्रह शब्द मुसाफ़िर पर कार्य प्रारंभ किया। इस पुनीत यज्ञ हेतु किये गए साहित्य मंथन के क्रम में आप सभी काव्य रत्नों की प्राप्ति हुई जिसे एक सूत्र में नवरत्न हार की तरह सहेजने का गिलहरी प्रयास क़िया। धीरे-धीरे सभी सम्मानित गुरुजनों को स्नेह मिलता गया सहयोग मिलता रहा. इतनी अल्पावधि में ही प्रेमरत्न, कलम सारथी, उपनाम, श्रमिक साहित्य , नई दिशा सहित सैकड़ों लोगों का सम्मान किया। सभी का सकारात्मक साथ मिला। धीरे-धीरे यह परिवार बढ़ता गया, साझा सँग्रह भी तैयार हो गया और निर्धारित तिथि 5 -6 अप्रैल को आयोजन की तैयारी अंतिम चरण में थी कि कोरोना नामक संकट आ गया और सारी अग्रिम बुकिंग बेकार चली गयी। लॉकडॉन हुआ तो इसे भी एक सकारात्मक मौके की तरह लिया और कोरोना की जंग साहित्योदय के संग अभियान की शुरुआत कर दी। इस अभियान में सभी ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया और गत 22 मार्च से लेकर अबतक डेढ़ हजार से अधिक ऑनलाइन काव्यपाठ, 300 से अधिक फेसबुक लाइव, साधारण मोबाइल के जरिये टेलीविजन शो को टक्कर देता साहित्योदय साहित्य संग्राम के जरिये दुनियाभर के रचनाकारों को जोड़ने का प्रयास चल रहा है। इसके लिए पूरे एक सप्ताह प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया जाता है। मैं खुद एक से डेढ़ घन्टे उपस्थित रहता हूँ। सुदेष्णा जी, राकेश जी, ओझा जी , करुणेश जी लगातार जुड़े रहते हैं। टीवी जगत के विशेषज्ञ मौजूद होते हैं। लोग लगातार उपस्थित रहते हैं। तब लाइव प्रस्तुति करायी जा रही है। साहित्योदय को जहाँ राष्ट्रीय- अंतर्राष्ट्रीय स्तर के कवियों का भरपूर आशीर्वाद मिल रहा है तो नवांकुरो को पहलीबार आसमानी फ़लक प्रदान करने की कोशिश की जा रही है। इसके लिए उन्हें भी लाइव के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है। कोरोना पर सभी ने बेहतरीन सृजन किया है तो ख़्याल आया कि क्यूँ न इस संकट के उपाय और सृजन जनजागरण को ऐतिहासिक दस्तावेज बना दूँ और इस तरह कोरोना काल की परिकल्पना साकार हुई।
साहित्योदय को विश्व फ़लक पर स्थापित करने हेतु मैं स्वयं हर रोज रात के 2 से ढाई बजे तक काम करता रहा। आप सबों के स्नेह और सहयोग से आज फेसबुक, व्हाट्सप्प, इन्स्टाग्राम, यूट्यूब सहित करीब 10 से अधिक डिजिटल मंचों पर 8 हजार से अधिक सदस्य और दुनिया के 70 से अधिक देश और सैकड़ों शहर के लाखों लोगों तक पहुंच चुका है। सञ्चालक और सदस्यों की सक्रियता और साहित्योदय के प्रति ईमानदार निष्ठा, समर्पण को देखने के बाद निकट भविष्य में कई लोगों को उचित समान और स्थान मिलेगा।
प्रसारण
दुनिया के तमाम डिजिटल मंचो पर अपनी धमक जमा चुके साहित्योदय में कार्यक्रमों की विशाल श्रृंखला है। जैसे साहित्य संग्राम, अंतर्नाद-दिल की बात, काव्यधारा, साहित्य समागम, सरगम, नई कलम, तेरे बोल मेरे गीत, बोलती कहानियां, मेरे गीत तेरे नृत्य, बाल किसलय, शब्दांजलि, काव्याभिषेक, साक्षात्कार, साहित्य सफर, सत्याग्रह, स्वच्छता संग्राम, सहित्योदय सहयोग -साथी हाथ बढ़ाना, काव्यकाफी । इसके साथ ही समसामयिक विषयों पर समाचार बुलेटिन क्रॉस फायर का प्रसारण। अबतक 2 हजार से अधिक काव्यपाठ, परिचर्चा और गोष्ठियों का आयोजन किया जा चूका है.
आयोजन
कवि सम्मेलन, ऑनलाइन/ऑफलाइन इवेंट्स का शानदार आयोजन और प्रसारण । शॉर्टफिल्म, डाक्यूमेंट्री, विज्ञापन फिल्मों का निर्माण और प्रसारण।
प्रकाशन
गरीब और असहाय लेखकों के लिए निःशुल्क प्रकाशन के साथ बहुत ही न्यूनतम लागत पर साझा और एकल पुस्तकों का प्रकाशन होता है। जिसका व्यापक प्रचार-प्रसार पूरी दुनिया के डिजिटल ऑनलाइन बाज़ार में किया जाता है। पुस्तकों का भव्य विमोचन साहित्योदय अपने ख़र्च पर कराता है और लेखकों को वैश्विक पहचान देता है। काव्यसागर, शब्दमुसाफ़िर, कोरोनाकाल और रुदाली प्रकाशित। जन रामायण, लफ्ज़ मुसाफ़िर, उम्मीद और महक माटी समेत दर्जनों प्रकाशनाधीन।
साहित्योदय त्रैमासिक पत्रिका का भी प्रकाशन किया जा रहा हैं। नारा, स्लोगन, स्क्रिप्ट, विज्ञापन, कहानी इत्यादि के लेखन और प्रकाशन।
प्रतियोगिता और सम्मान
साहित्योदय द्वारा समय-समय पर विभिन्न प्रतियोगिता और सम्मान समारोह का आयोजन किया जाता है। अबतक सैकडों प्रतियोगिता सम्पन्न और हजारो सम्मान वितरित।
★कोरोना से जंग साहित्योदय के संग ★
(22 मार्च 2020 से लगातार जारी महा जन जागरण अभियान)
- वैश्विक आपदा कोरोना काल में सबसे पहला साहित्य सृजन, जनजागरण अभियान
- अब तक 2 हजार से अधिक ऑनलाइन कवि सम्मेलन, सैकड़ों एकल काव्यपाठ, प्रेम रत्न, कलम सारथी, श्रमिक साहित्य, साहित्योदय सारथी, साहित्योदय सृजन सहित दर्जनों प्रतियोगिता एवं सैकड़ों सम्मान
- लॉकडाउन पीरियड में लोगों का हौसला बढ़ाने, सम्बल प्रदान करने और कोरोना कर्मवीरों को धन्यवाद देने, कोरोना से बचाव को लेकर साहित्य सृजन के ज़रिए जागरूक करने में साहित्योदय की अग्रणी भूमिका
साहित्योदय साहित्य संग्राम
(अंतर्राष्ट्रीय विचार गोष्ठी सह कवि सम्मेलन)
◆ POJO (Poetic Journalism)मोबाइल के ज़रिए अनूठा टीवी लाइव शो
◆ समसामयिक ज्वलंत विषयों पर ज्ञानवर्धक स्वस्थ चर्चा और कवि सम्मेलन
◆ विशेषज्ञों के साथ-साथ सुप्रसिद्ध रचनाकारों की बेमिसाल प्रस्तुतियां शामिल
काव्यधारा- अंतर्राष्ट्रीय कवि सम्मेलन
अंतर्नाद-दिल की बात–
अपने दम पर अपनी पहचान बनाने वाली शख्सियत से रूबरू
बोलती कहानियां–
यूट्यूब चैनल पर हर कहानी लेखक की ज़ुबानी
तेरे गीत मेरे बोल
कविता, गीत, ग़ज़लों को स्वरबद्ध कर यूट्यूब चैनल पर वीडियो का प्रसारण
तेरे गीत मेरे नृत्य
मैं नाचूँ तू नचा (कविता, गीत ग़ज़लों पर आधारित नृत्य प्रतियोगिता)
साहित्योदय सरगम
गीत, संगीत और गायन का संगीतमय कार्यक्रम
नई कलम
नवोदित और नवांकुरों के प्रशिक्षण और उन्हें विशाल अंतर्राष्ट्रीय मंच देने का अभिनव प्रयोग
साथी हाथ बढ़ाना- साहित्योदय सहयोग के तहत गरीब, असहाय और बीमार लोगों मदद हेतु एक दूसरे का हाथ थामकर साथ देने की पहल।
साहित्योदय स्वच्छता अभियान– साहित्य, सिनेमा और सोशल मीडिया में व्याप्त अश्लीलता/ गन्दगी की सफाई का वृहद अभियान।
साहित्योदय सत्याग्रह-न्याय और इंसाफ़ के लिए सत्याग्रह अभियान अभी सुशान्त सिंह को न्याय दिलाने हेतु हमारी भारत और यूके की टीम कई कार्यक्रम चला रही है।
साहित्योदय शक्ति
विभिन्न क्षेत्रों में अपना परचम लहरा रही नारी शक्तियों से रूबरू कराने का अनूठा कार्यक्रम
साहित्योदय किलकारी
बाल साहित्य प्रतिभाओं को निखारने और मंच प्रदान करने का सुनहरा अवसर
साहित्य सफ़र-
समाज के प्रेरणास्रोत साहित्यकार के जीवन सफर पर आधारित विशेष कार्यक्रम
साक्षात्कार–
साहित्य की विभिन्न विधाओ में सृजन , लेखन और प्रस्तुतिकरण पर विशेषज्ञ के साथ सार्थक संवाद
शब्दांजलि–
महापुरुषों की जयंती और पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम
प्रकाशन:
काव्य सागर 560 पेज का रिकार्ड साझा काव्य संग्रह
शब्द मुसाफ़िर –साझा गद्य संग्रह,
रूदाली (एकल काव्य संग्रह),
लफ्ज़ मुसाफ़िर-साझा ग़ज़लसंग्रह
और
कोरोना काल
◆ कोरोना महामारी विषय पर साझा कविता और लेख-विचार संग्रह का प्रकाशन
बाबा बैद्यनाथ अंतर्राष्ट्रीय साहित्य महोत्सव में विमोचन
जन रामायण-
जनमानस के राम—560 पृष्ठों की सुंदर हार्डबॉण्ड कवर के साथ विश्वभर के 108 रचनाकारों की द्वारा एक अनूठे रामायण की सृजन जिसका भव्य विमोचन 2021 में आयोजन अयोध्या-रामलला अंतर्राष्ट्रीय साहित्योत्सव में होगा।
महक माटी की – विभिन्न क्षेत्रीय भाषा और बोली में साझा गद्य-पद्य संकलन
उम्मीद –उपन्यास
◆ साहित्य-कला-संस्कृति और समसामयिक विषयों पर आधारित त्रैमासिक पत्रिका साहित्योदय करीब 100 पृष्ठों की रंगीन पत्रिका जिसमें दुनियाभर के लब्धप्रतिष्ठ और नवोदित रचनाकारों की गद्य-पद्य रचनाएँ शामिल है।
◆ साहित्योदय में दुनिया के 117 से ज़्यादा देशों के हजारों ख्याति प्राप्त और नवोदित साहित्यकार, कलाकार, पत्रकार, डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, जज, ब्यूरोक्रेट्स, राजनीतिज्ञ, शिक्षक-विद्यार्थी हर वर्ग के लोगों का जुड़ाव
◆ साहित्योदय की पहुँच दुनिया भर के लाखों दर्शकों तक
◆ इसके प्रशंसक, फ़ॉलोअर्स पूरी दुनिया में हैं।
◆ हर सप्ताह ढाई लाख से अधिक दर्शक, हज़ारों व्यूज़, लाइक और कमेंट्स
कार्य एवं उद्देश्य
- साहित्य-कला और संस्कृति का उत्थान, पत्र-पत्रिका और पुस्तकों का प्रकाशन-प्रसारण
- नव सृजन, नवलेखन को प्रोत्साहन, नवांकुर, नवोदित रचनाकारों को मंच
- ग्रामीण इलाकों की साहित्य-कला प्रतिभा को तलाश कर उन्हें स्थापित करने की मुहिम
- आर्थिक और सामाजिक रुप से पिछड़े, कमज़ोर रचनाकार और कला प्रतिभाओं को निःशुल्क प्रशिक्षण, उनकी पुस्तकों का प्रकाशन और मंच प्रदान करना
- आर्थिक-सामाजिक कारणों से गुमनाम रचनाकारों को साहित्य के पटल पर स्थापित करना
- हिंदी एवं क्षेत्रीय भाषा-बोलियों के उत्थान हेतु कवि सम्मेलन, गोष्ठी, कार्यशाला, प्रशिक्षण और प्रकाशन
- महिला, अनुसचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक, दलित और आर्थिक रूप से पिछड़े बच्चों को साहित्य और कला का प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बनाना
- साहित्य और कला प्रतियोगिता के माध्यम से प्रतिभा की पहचान कर उन्हें मानद उपाधि, अलंकार और सम्मान देना
- विलुप्त हो रही कला-साहित्य और संस्कृति का संरक्षण और संवर्द्धन करना
- ग़रीब और असहाय लोगों की मदद हेतु चैरिटी शो जैसे आयोजन
- हिंदी साहित्य और क्षेत्रीय जनजातीय भाषाओं के विकास हेतु प्रशिक्षण केंद्र का संचालन
साहित्योदय डिजिटल
साहित्योदय विभिन्न डिजिटल मंचों पर भी उपलब्ध
- आप सभी फॉलो, शेयर और लाइक करें ताकि आपकी रचनाएँ अधिक से अधिक डिजिटल मंचों पर उपलब्ध हो सके।\
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कवि पंकज प्रियम
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एकबार पुनः सभी का आभार, शुक्रिया, धन्यवाद।
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आपका अपना प्रियम
🌷 पंकज प्रियम🌷
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साहित्योदय